Do Paise ki Kalam
My two pennies worth (thoughts) on the world around me.
Tuesday, July 1, 2014
माँ
जब-जब मैं बीमार होता,
वो मुझे लाती-ले जाती थी यहाँ
माॅं के प्यार का कभी
हिस्सा हुआ करता था अस्पताल
कल यही बेरहम,
मेरी माँ को ले गया!
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